मानव जाति के प्रारंभ से, एक समूह ऐसा रहा हैं जो तीव्रता से इतनी लगातार दुर्व्यवहारित व अधिकारहीन किया गया है, कि उस समूह की पीड़ा हमारे रोज़मर्रा की ज़िंदगी में दीर्घस्थायी बन चुकी है। अगर प्राणी खुलकर बात कर सकते, तो उनके आवाजो का सहगान दुनिया के हर दूसरे ध्वनि को डूबा देता। हम सब प्राणी ही हैं। हम सभी जीवित, साँस लेनेवाले प्राणी हैं, जो वही पृथ्वी सांझा करते हैं । हम सभी को कष्ट और पीड़ा होती हैं जब हमे दर्द महसूस होता है, या जब हमे अपने जीवन, परिवार, या स्वतंत्रता से वंचित किया जाता हैं । हम सभी को दया, करुणा और गरिमा का अनुभव करने का अधिकार हैं। हमे विश्वास है कि हर एक प्राणी दूसरे प्राणियों से संबंधित है, और यह संभव है कि हम सब साथ साथ शांति और समरसता से इस पृथ्वी पर जी सकते हैं।
चूंकि पृथ्वी पर सभी जीवित प्राणी मूल रूप से एक ही स्रोत से उद्भुत हुए हैं, और एक ही उद्विकासी सिद्धांत का पालन करते हैं;
चूंकि पृथ्वी पर सभी जीवित प्राणी एक ही भूमि, जल और हवा में निवास करते हैं, और इसलिए उन्हें और उनके संसाधनों को एक पारिस्थितिकीय प्रणाली में रहने के लिए और उसका प्रायोजन करने के लिए सांझा करते हैं;
चूंकि सभी जीवित प्राणियों की एक ही मूल आवश्यकता है: जीवित रहना, आनंद और सुख तलाशना और कष्ट टालना, आरामदायक जीवन बिताना, जन्माना, परिवारों और अन्य सामाजिक संरचनाओं का निर्माण करना;
चूंकि सभी जीवित प्राणी, जिस स्तर तक मानव जाति अवगत है, संवेदनशील हैं, और इसलिए कष्ट, सुख, संवेदनाएं, भावनाए और भावावेश महसूस कर सकते हैं;
चूंकि मानव प्रजाति केवल लाखों प्राणियों की प्रजातियों में से एक है, और इस ग्रह पर रहने वाले अरबों प्राणियों की तुलना में, मिनटअल्पसंख्यक संख्या में है;
हम यह घोषित करते हैं कि:
- १. हम इन सत्यों को स्वयंप्रमाण मानते हैं कि, सभी प्राणियों को समान बनाया गया है, और उन सभी को जीवन, स्वतंत्रता और उनकी खुशी खोजने का अधिकार है।
- २. इसलिए, सभी प्राणियों को अस्तित्व का समान प्राकृतिक अधिकार है, जैसा कि किसी अन्य जीवित प्राणी को है।
- ३. सभी प्राणियों को, प्रकृति के अनुसार, स्वतंत्र होने का, अपना जीवन अपनी शर्तों पर जीने का अधिकार है।
- ४. सभी प्राणियों को खाने, सोने, शारीरिक और मानसिक रूप से आरामदायक होने, चलनशील होने, स्वस्थ, सुरक्षित, और उनकी सभी प्राकृतिक और आवश्यक जरूरतों को पूरा करने का अधिकार है। उस हैसियत से, सभी प्राणी भूख, प्यास और कुपोषण; शारीरिक परेशानी और थकावट; उनकी इच्छा के विरूद्ध कारावास, बुरा उपचार, अपमानजनक या क्रूर कार्य; दर्द, चोट और बीमारी; भय और संकट से मुक्त होने चाहिए; और उन्हे अपने स्वाभाविक चाल-चलनो के प्रतिमानो को अभिव्यक्त करने की स्वतंत्रता होनी चाहिए।
- ५. सभी प्राणियों को प्रजनन करने का, अपने वंश, परिवारों, जनजातियों या समुदायों के साथ जीने का, और एक प्राकृतिक सामाजिक जीवन बनाए रखने का अधिकार है। उन्हें अपने प्राकृतिक वातावरण में रहने, उनकी प्रजाति के लिए प्राकृतिक ऐसी लय में बढ़ने का अधिकार है, और एक ऐसा जीवन बनाए रखने का अधिकार है जो उनकी प्राकृतिक दीर्घायु से मेल ख़ाता हो।
- ६. प्राणी मनुष्यों की संपत्ति या वस्तु नहीं हैं, और मनुष्य को लाभ अथवा उपजीवन के लिए उपयोग करने के लिए नही हैं। इसलिए, उन्हें गुलामी, शोषण, अत्याचार, उत्पीड़न, क्रूरता, दुरुपयोग से मुक्त होना चाहिए, और ऐसे कोई भी अन्य उपचार से मुक्त होना चाहिए जो उनकी सुरक्षा, स्वतंत्र इच्छा और गरिमा की अवहेलना करता हो। उनका उपयोग भोजन के लिए हत्या करके, उनकी खाल के लिए मारके, उनपे वैज्ञानिक प्रयोग करके, धार्मिक उद्देश्यों के लिए मारके, बेगारी के लिए इस्तेमाल करके, खेल और मनोरंजन के लिए उनके साथ दुर्व्यवहार करके और मारके, व्यावसायिक लाभ के लिए दुर्व्यवहार करके,उनकी शिकार करके, और मानव सुख, आवश्यकता, या अन्य सिरों के लिए सताके और मारके नही होना चाहिए।
- ७. मनुष्य सभी प्राणियों की रक्षा के लिए वह सब करेंगे जो उनके माध्यम मे हो। कोई भी प्राणी जो मनुष्य पर निर्भर है, उसे उचित भरण-पोषण और देखभाल का अधिकार है, और वह उपेक्षित, परित्यक्त, अथवा मारा नही जाएगा।
- ८. जो प्राणी मर चुके हैं, उन्हे मृत मनुष्यों की तरह, सम्मान और प्रतिष्ठा देनी चाहिए।
- ९. हम इन अधिकारों की सुरक्षा के लिए अनुरोध करते हैं। इन अधिकारों को, मानवाधिकारों की तरह, कानून द्वारा मान्यता और प्रतिरक्षा मिलनी चाहिए। कोई भी कार्य जो किसी प्राणी या प्रजाति की भलाई या अस्तित्व से समझौता करता है, या उसे खतरे में डालता है, विरोधाभासी है,या ऊपर सूचीबद्ध अधिकारों से किसी प्राणी या प्रजाति को वंचित करता है, उसे अपराध माना जाना चाहिए, और उस नुसार वह कार्य दंडित किया जाना चाहिए।
यह साक्ष्य मानते हुए, यह घोषणापत्र आज, रविवार, ५ जून, २०११, प्रथम राष्ट्रीय पशु अधिकार दिवस के अवसर पर, न्यूयॉर्क शहर, संयुक्त राज्य अमेरिका मे हस्ताक्षरित हुआ।
(हिन्दी अनुवाद चिरंतना मठकरी द्वारा. Hindi translation made by Chirantana Mathkari)